महासम्मेलन परिचय

सर्व विदित है कि हमारे देश कि गाय साक्षत लक्ष्मी है। आज के संदर्भ में लक्ष्मी की व्याख्या रूपये, पैसे से की जा रही है। इस संदर्भ में भी एक देशी गाय को देखें तो वह अकेली प्रति माह लाखों रूपये देने में सक्षम है। इस विषय पर पिछले 15 वर्षों से महर्षि वागभट्ट गौशाला स्थित ‘पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र’ में शोधकार्य चल रहें हैं।। इस दौरान किये गये हजारों प्रयोग सत्यापित करते हैं कि एक देशी गाय प्रतिदिन गौबर, गौमूत्र और दूध के माध्यम से लगभग 3 हजार रूपये की अमृत जीवन रक्षक औषधियां प्रदान करती है।

प्रथम समूह के गव्यसिद्ध

पंचगव्य औषधियों से पिछले 15 वर्षों से लगभग 30 हजार मरीजों पर अभ्यास करके देखा गया कि सभी असाध्य कहीं जाने वाली बीमारियां ठीक हो रही हैं. अमर शहीद राजीव भाई का सपना था की भारत की गोमाता दान और दया पर नहीं बल्कि स्वावलंबी व्यवस्था पर निर्भर होनी चाहिए. इसी सोंच के साथ गाय के प्रति उनकी कर्तव्य निष्ठा साकार करने के लिए वर्ष 2012 में भारत सरकार के संददीय मण्डल द्वारा संचालित भारत सेवक समाज के सहयोग से पंचगव्य चिकित्सा पाठ्यक्रम का शुभारम्भ इंडियन सेल थेरेपी इंस्टिट्यूट, मदुरै के साथ मिलकर पंचगव्य गुरुकुलम ने किया. जिसके अंतरर्गत सर्वप्रथम 3 तरह के पाठ्यक्रम शुरू किये गए.

MORNING GURU VANDANA

2019

Nov. 17-19

20

Orissa Bharat

3000

Gavya Sidda's

25

Speakers