यही है स्वदेशी
आज हम स्वदेशी के नाम पर केवल वस्तुओं में सिमट कर रह गए हैं. लेकिन स्वदेशी का बड़ा ही व्यापक अर्थ है. स्व और देशी, यहाँ पर स्व…
आज हम स्वदेशी के नाम पर केवल वस्तुओं में सिमट कर रह गए हैं. लेकिन स्वदेशी का बड़ा ही व्यापक अर्थ है. स्व और देशी, यहाँ पर स्व…
क्यों है अच्छा स्वदेशी अच्छा हैकई बार प्रश्न उठता है की स्वदेशी ही क्यों ? स्वदेशी का अर्थ “वसुधेव कुटुम्बकम” से है. अर्थात अपनी वसुधा के साथ है,…
ग्यारहवीं – बारहवीं सदी का भारत, सम्पूर्ण निरोगी भारत, स्वावलंबी भारत, स्वाभिमानी और समृद्ध भारत को अरब देश के लूटेरों ने लूटने की जैसे श्रुंखला चला दी थी.
प्रखर वक्ता भाई राजीव दीक्षित ने अपनी ओजस्वी वाणी से विभिन्न ज्वलंत विषयो पर अपनी बातों को इतनी दृढ़ता व विशेष अंदाज मे प्रस्तुत करते थे कि सुनने…